Best Santa Banta Jokes in Hindi - संता बंता के मज़ेदार चुटकुले

Santa Banta Jokes : चुटकुले हमारी ज़िंदगी का वो अभिन्न हिस्सा हैं, जो हमें हँसना सिखाते हैं और ज़िंदगी को खुशी से जीना सिखाते हैं। जब ज़िंदगी उदास और परेशानियों से भरी होती हैं, तब यही मज़ेदार चुटकुले हमें हँसने पर मजबूर कर देते हैं। संता बंता के जोक्स ने हमें अनगिनत बार हँसाया है। हम बचपन से ही संता बंता के चुटकुलों को पढ़ते और फॉरवर्ड करते आये हैं। आइए पढ़ते हैं संता बंता के मज़ेदार चुटकुले और ज़िंदगी की परेशानियों को कुछ समय के लिए भूल जाते हैं। और हाँ अपने दोस्तों के साथ शेयर करना बिल्कुल ना भूलें।

संता बाज़ार जा रहा था, उसे अचानक ज़ोर से सुसु लगी। एक दीवार पे लिखा था – यहां कुत्ते ही सुसु करते हैं। संता ने वहीं सुसु कर दिया। और खिलखिलाते हुए बोला - देखा इसे कहते है दिमाग, सुसु मैने किया और नाम कुत्ते का लगेगा। 😁😁😁🤣🤣🤣😁😁😁

संता - कल मुझे पता चला कि मेरे शरीर में बिल्कुल भी आयरन नहीं है। बंता - तुम्हें कैसे पता चला ? संता - मैंने चुम्बक लगा के देखा था चिपका ही नहीं। 😁😁😁🤣🤣🤣😁😁😁

Santa Banta Jokes in Hindi

संता के बेटे का एक्सीडेंट हो गया। डॉक्टर – अब इसकी दोनों टाँगें काटनी पड़ेगी। संता ने अपना सर पकड़ लिया। डॉक्टर – क्या हुआ ? संता – कल ही इस नालायक को नई चप्पल दिलाई थीं। 😁😁😁🤣🤣🤣😁😁😁

संता – डॉक्टर साहब क्या आप मेरी बीमारी का पता लगा सकते हो ? डॉक्टर – हाँ आप की आँखें बहुत कमज़ोर हैं ? संता – इतनी जल्दी आप को कैसे पता चल गया ? डॉक्टर – क्योंकि तुमने बाहर बोर्ड पर नहीं पढ़ा कि मैं जानवरों का डॉक्टर हूँ। 😁😁😁🤣🤣🤣😁😁😁

Santa Banta Jokes in Hindi

एक बार संता बस में चढ़ा... कंडक्टर - टिकट ? संता - 2 दे दो, सोनीपत की... कंडक्टर - दूसरी सवारी कहाँ है ? संता - कहीं नहीं... कंडक्टर - तो दो टिकट क्यों भाई ? संता - भाई एक खो गयी तो दूसरी काम आएगी... कंडक्टर - छेड़ते हुए, "भाई दूसरी भी खो गयी तो ?" संता - तो एक टिकट मैंने बस अड्डे पर भी तो ली थी... कंडक्टर - फिर छेड़ते हुए, "भाई वो भी खो गयी तो ?" संता - जेब से पास निकलते हुए, तेरे फूफा ने पास बनवा रखा है, ये किस दिन काम आएगा... कंडक्टर - (अपने मन में सोंचते हुए... यार अजीब पागल आदमी है, फिर भी चल थोड़े और मज़े लेता हूँ) अच्छा भाई साहब मान लो पास भी खो जाये तो क्या करोगे ? संता - तो क्या, मैं रोडवेज का कर्मचारी हूँ... हमारी टिकट ही नहीं लगती भाई... 😁😁😁🤣🤣🤣😁😁😁

संता (डॉक्टर से) - डॉक्टर साहब आप घर चलने की कितनी फीस लेते हो ? डॉक्टर - डेढ़ सौ रुपये... संता - ठीक है चलिए... डॉक्टर ने अपनी गाड़ी निकाली और संता के साथ उसके घर आ गया... घर पहुंचने पर.... डॉक्टर - मरीज कहाँ है? संता - मरीज तो कोई नहीं है डॉक्टर साहब... वो क्या है ना कि टैक्सी वाला तीन सौ रुपये माँग रहा था और आप डेढ़ सौ में ले आये... इसलिए मैंने आपसे चलने को कहा... (डॉक्टर फिलहाल कोमा में है) 😁😁😁🤣🤣🤣😁😁😁

सुबह सुबह संता एक आदमी को लात घूँसों से पीट रहा था। लोगों ने आश्चर्य से पूछा - अजी क्या हुआ संता...? संता ने गुस्से में तमतमाते हुए कहा - इसको मैंने कुछ रुपए उधार दिए थे, पर जब भी माँगने जाता तो ये कहता कि पत्नी फ़िलहाल हॉस्पिटल में है... मैं कुछ न बोल पाता... लेकिन आज पता चला कि इसकी पत्नी नर्स है... साला ये दो साल से उल्लू बना रहा है... 😁😁😁🤣🤣🤣😁😁😁

ट्रेन में चेतावनी लिखी थी... "बिना टिकट यात्रा करने वाले यात्री होशियार" संता इतनी लाइन पढ़कर गुस्से में आ गया, वाह जी वाह... ये कोई बात हुई... बिना टिकट यात्रा करने वाला होशियार, हमने टिकट लिया तो हम बेवक़ूफ़... 😁😁😁🤣🤣🤣😁😁😁

एक दिन जब संता घर लौटा तो उसने देखा कि उसका कुत्ता पड़ोसी के पालतू खरगोश को मुँह में दबाये भागता चला आ रहा है। किसी तरह उसने कुत्ते से खरगोश को छुड़ाया। परन्तु खरगोश मर चुका था। यह सोचकर कि कहीं पड़ोसी ने देख लिया तो बवाल खड़ा कर देगा, वह खरगोश को फौरन घर के अंदर ले गया। अंदर ले जाकर उसने खरगोश को अच्छी तरह नहला कर साफ किया। उसके बाल सँवारे ताकि कुत्ते के दाँतो के निशान दिखाई न दें और पड़ोसी की नज़र बचाकर वापस उसके पिंजरे में रख आया ताकि पड़ोसी समझे कि वह अपनी स्वाभाविक मौत मरा है। कुछ दिनों बाद, एक सुबह, उसकी पड़ोसी से मुलाकात हुई। पड़ोसी ने संता को बताया – भाईसाहब, पिछले दिनों हमारा खरगोश मर गया ? संता – कैसे ? कब ? आखिर हुआ क्या था उसे ? (संता ने अनजान बनने का ढोंग करते हुए पूछा) पड़ोसी ने बताया – क्या हुआ था यह तो पता नहीं। एक दिन उसने अचानक खाना पीना बन्द कर दिया और अगले दिन मर गया। संता – च….. च…….. बहुत बुरा हुआ। (संता ने अफसोस ज़ाहिर किया) पड़ोसी – हाँ… उसके बाद तो और भी बुरा हुआ। संता – अच्छा ? उसके बाद क्या हुआ ? पड़ोसी – जिस दिन खरगोश मरा था हमने उसी दिन उसे अपने बगीचे में एक जगह गाड़ दिया था। मगर उसके अगले दिन न जाने किस कम्बख्त ने उसे वहाँ से निकाला, नहलाया-धुलाया और वापस पिंजरे में रख आया... 😁😁😁🤣🤣🤣😁😁😁