हम भी तुम्हे सताने पर उतर आएँ तो क्या होगा, तुम्हारा दिल दुखाने पर उतर आएँ तो क्या होगा, हमें बदनाम करते फिरते हो अपनी महफिल में, अगर हम सच बताने पर उतर आएँ तो क्या होगा। 💔💔💔😥😥😥💔💔💔
ये सच है आज कल मैं ज़रा मुश्किलों में हूँ, बस ज़िंदगी गुज़ारने की कोशिशों में हूँ, और इस क़दर चूर कर दिया है अब थकान ने, खुद को ख़बर नहीं है कि किन रास्तों में हूँ। 💔💔💔😥😥😥💔💔💔
अपनी तो मोहब्बत की बस इतनी कहानी है, टूटी हुई कश्ती है ठहरा हुआ पानी है, एक फूल किताबों में दम तोड़ चुका है, कुछ याद नहीं आता ये किसकी निशानी है। 💔💔💔😥😥😥💔💔💔
हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते, वक़्त की शाख से लम्हे नहीं तोड़ा करते, लग के साहिल से जो बहता है उसे बहने दो, ऐसे दरिया का कभी रुख नहीं मोड़ा करते। 💔💔💔😥😥😥💔💔💔
इस दर्द में जीना कोई आसान नहीं है, वह खुशनसीब है जो परेशान नहीं, लुटते हैं उजड़ते हैं बिछड़ते हैं यहाँ लोग, ये राहे मोहब्बत कोई आसान नहीं है। 💔💔💔😥😥😥💔💔💔
कुछ पल की हँसी देकर ज़िंदगी रुलाती क्यों है, जो क़िस्मत में नहीं होते क़िस्मत उनसे मिलती क्यों है। 💔💔💔😥😥😥💔💔💔
हमें भी ख्वाब दिखाए थे मोहब्बत के, हमारा भी किसी से राब्ता हुआ था, और यूँ ही नहीं बिगड़े मेरे हालात, हमारे साथ भी मोहब्बत का हादसा हुआ था। 💔💔💔😥😥😥💔💔💔
झूठों के बीच में मैं सच बोल बैठा, वह नमक का शहर था और मैं अपने ज़ख्म खोल बैठा। 💔💔💔😥😥😥💔💔💔
वक्त ए रुखसत आ गया दिल फिर भी घबराया नहीं, उसको हम क्या खोएंगे जिस को कभी पाया नहीं। 💔💔💔😥😥😥💔💔💔
ये लम्हे इश्क़ और मस्ती के सदा पाबंद नहीं रहते, सदा खुशियाँ नहीं रहती हमेशा ग़म नहीं रहते, ज़रा देखो ये दरवाज़े पे दस्तक कौन देता है, मोहब्बत हो तो कह देना यहाँ अब हम नहीं रहते। 💔💔💔😥😥😥💔💔💔
फूलों से फूलों का हाल पूछते हो, और काँटों को छोड़ देते हो, हम हर बार तुम्हें मुस्कुरा कर देखते हैं, तुम हर बार दिल तोड़ देते हो। 💔💔💔😥😥😥💔💔💔
अब लगता है ठीक कहा था ग़ालिब ने, बढ़ते बढ़ते दर्द दवा हो जाता है। 💔💔💔😥😥😥💔💔💔