झूठों के बीच में मैं सच बोल बैठा, वह नमक का शहर था और मैं अपने ज़ख्म खोल बैठा। 💔💔💔😥😥😥💔💔💔
वक्त ए रुखसत आ गया दिल फिर भी घबराया नहीं, उसको हम क्या खोएंगे जिस को कभी पाया नहीं। 💔💔💔😥😥😥💔💔💔
ये लम्हे इश्क़ और मस्ती के सदा पाबंद नहीं रहते, सदा खुशियाँ नहीं रहती हमेशा ग़म नहीं रहते, ज़रा देखो ये दरवाज़े पे दस्तक कौन देता है, मोहब्बत हो तो कह देना यहाँ अब हम नहीं रहते। 💔💔💔😥😥😥💔💔💔
फूलों से फूलों का हाल पूछते हो, और काँटों को छोड़ देते हो, हम हर बार तुम्हें मुस्कुरा कर देखते हैं, तुम हर बार दिल तोड़ देते हो। 💔💔💔😥😥😥💔💔💔
अब लगता है ठीक कहा था ग़ालिब ने, बढ़ते बढ़ते दर्द दवा हो जाता है। 💔💔💔😥😥😥💔💔💔
इश्क़ करने के भी आदाब हुआ करते हैं, जागती आँखों के भी कुछ ख्वाब हुआ करते हैं, हर कोई रो के दिखाए ये ज़रुरी तो नहीं, खुश्क आँखों में भी सैलाब हुआ करते हैं। 💔💔💔😥😥😥💔💔💔
न वो मिला है न मिलने का इशारा कोई, कैसे उम्मीद का चमकेगा सितारा कोई, हद से ज़्यादा न किसी से मोहब्बत करना, जान लेता है हमेशा जान से प्यारा कोई। 💔💔💔😥😥😥💔💔💔
चलो ना साथ चलते हैं समंदर के किनारे, किनारे पर ही देखेंगे किनारा कौन करता है। 💔💔💔😥😥😥💔💔💔
अगर बरसात का मज़ा लेना चाहते हो तो इन आँखों में आ बैठो, वो बरसों में कई बार बरसती हैं ये बरसों से बरस रही हैं। 💔💔💔😥😥😥💔💔💔
बीनाई को शक तिनकों पर लेकिन, आँख के दुश्मन आँखों के सपने निकले, दर्द-ए-दिल मेरा फिर और बढ़ा जब, धोका देने वाले मेरे अपने निकले। 💔💔💔😥😥😥💔💔💔
दिखावे के लिए हमसे वफादारी ना की जाए, मोहब्बत है तो है वरना अदाकारी ना की जाए। 💔💔💔😥😥😥💔💔💔