कभी हम टूटे तो कभी ख्वाब टूटे, ना जाने कितने टुकड़ों में अरमान टूटे, हर टुकड़ा है आईना ज़िन्दगी का, हर आईने के साथ लाखों जज़्बात टूटे। - गुलज़ार साहब
मेरे तबाह होने की मुराद रखता है कोई, चलो शुक्र है इसी बहाने मुझे याद रखता है कोई। - गुलज़ार साहब
कुछ इस तरह जुड़ गये दिलों के धागे, तुम वहाँ मैं यहाँ दोनों ही आधे आधे। - गुलज़ार साहब
मैं तो चाहता हूँ हमेशा मासूम बने रहना, पर ये जो ज़िन्दगी है समझदार किये जाती है। - गुलज़ार साहब
कैसे करें हम ख़ुद को तेरे प्यार के काबिल, जब हम बदलते हैं, तुम शर्ते बदल देते हो। - गुलज़ार साहब
इतना क्यों सिखाए जा रही है ज़िन्दगी हमें, कौन सी सदियाँ गुज़ारनी है यहाँ। - गुलज़ार साहब
शायर बनना बहुत आसान है, बस एक अधूरी मोहब्बत की मुकम्मल डिग्री चाहिए। - गुलज़ार साहब
याद आएगी हर रोज़ मगर, तुझे आवाज़ ना दूँगा, लिखूँगा तेरे ही लिए हर ग़ज़ल, मगर तेरा नाम ना लूँगा। - गुलज़ार साहब
जब से तुम्हारे नाम की मिसरी होंठ से लगाई है, मीठा सा ग़म मीठी सी तन्हाई है। - गुलज़ार साहब